Kidney Disease: क्या है किडनी रोग से जुड़ी सच्चाई और भ्रम, जानिए यहां - Health Care Tips Hindi

Kidney Disease: क्या है किडनी रोग से जुड़ी सच्चाई और भ्रम, जानिए यहां

Kidney Disease: क्या है किडनी रोग से जुड़ी सच्चाई और भ्रम, जानिए यहां
Kidney Disease: क्या है किडनी रोग से जुड़ी सच्चाई और भ्रम, जानिए यहां

Kidney Disease: क्या है किडनी रोग से जुड़ी सच्चाई और भ्रम, जानिए यहां


Kidney Disease In Hindi: किडनी हमारे शरीर का अहम अंग है। ऐसे में कई लोगों को इससे जुड़े भ्रम होते हैं जिन्हें दूर करना जरूरी होता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ भ्रम ( Myths and Facts about Kidney Diseases ) के बारे में जो लोगों के जेहन में रहते हैं :-

भ्रम: किडनी फेल्योर की स्थिति में एक ही किडनी खराब होती है।
सच: दोनों किडनियां खराब हो सकती हैं। एक किडनी बिल्कुल खराब होने पर इसका काम दूसरी किडनी करती है। ऐसे में रोगी को कोई तकलीफ नहीं होती व खून में क्रिएटिनिन व यूरिया की मात्रा सामान्य रहती है। लेकिन दूसरी किडनी का कार्य बढ़ने से यह भी खराब हो जाए तो शरीर से विषैले तत्त्व बाहर नहीं निकल पाते व खून में क्रिएटिनिन व यूरिया की मात्रा बढ़ जाती है। ब्लड टैस्ट कराएं।

भ्रम: किडनी के किसी भी रोग में शरीर में सूजन आना किडनी फेल्योर का संकेत है।
सच: कई रोगों में किडनी की कार्यप्रणाली पूरी तरह से सामान्य होने के बावजूद सूजन आती है, जैसे नेफ्रॉटिक सिंड्रोम (जरूरत से ज्यादा प्रोटीन यूरिन के जरिए बाहर निकालता है) में ऐसा होता है। सूजन किडनी संबंधी सभी मरीजों में दिखे, जरूरी नहीं। कई बार किडनी फेल्योर की आखिरी स्टेज में भी सूजन नहीं दिखती।



भ्रम: किडनी के सभी रोग गंभीर होते हैं ।
सच: किडनी के सभी रोग गंभीर नहीं होते। ज्यादातर मामलों में रोग की शुरुआती स्तर पर यदि पहचान हो जाए व इलाज लें तो रोग को गंभीर होने से रोक सकते हैं।

भ्रम: अब मेरी किडनी ठीक है, मुझे दवाई लेने की जरूरत नहीं हैं।
सच: क्रॉनिक किडनी फेल्योर के कई मरीजों में किडनी ट्रांसप्लांट कर इलाज करते हैं जिसके बाद दवाएं नियमित चलती हैं ताकि शरीर नई किडनी को अपनाए रखे। दवाओं को बीच में बंद करने से स्थिति बिगड़ सकती है।

भ्रम: एक बार डायलिसिस कराने पर बार - बार डायलिसिस कराने की आवश्यकता पड़ती है।
सच: एक्यूट किडनी फेल्योर में कुछ डायलिसिस कराने के बाद किडनी अपना काम सुचारू तरीके से करने लगती है। संक्षिप्त में कहें तो डायलिसिस की जरूरत कितनी बार होगी, यह किडनी फेल्योर के प्रकार पर निर्भर करता है।


भ्रम: किडनी रोग वाले रोगियों को खूब पानी पीना चाहिए।
सच: कम यूरिन, किडनी संबंधी कई रोगों में पाया जाने वाला मुख्य लक्षण है। ऐसे रोगियों को संतुलित मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है। हालांकि किडनी में पथरी, सामान्य काम करने वाली किडनी के साथ यूरिन संक्रमण हो तो ज्यादा पानी पीने की सलाह देते हैं।

भ्रम: डायलिसिस कर किडनी फेल्योर को रोक सकते हैं।
सच: नहीं, केवल डायलिसिस किडनी फेल्योर का इलाज नहीं है बल्कि यह एक सपोर्टिव ट्रीटमेंट है। जो काम किडनी नहीं कर पाती वह डायलिसिस द्वारा किया जाता है।

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