हेल्थ टिप्स : हृदय के थकने के कारण - Health Care Tips Hindi
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हेल्थ टिप्स : हृदय के थकने के कारण

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 हेल्थ टिप्स
हृदय के थकने के कारण

"1001हेल्थ टिप्स"
- लेखक -
डा. एम. कुमार


जीवनशैली 

  • अधिक आराम पसंद लोगों के शरीर में रक्त का संचालन ठीक से नहीं होता है। जिसकी वज़ह से आराम परस्त लोगों में हृदय के थकने के लक्षण अधिक दिखायी देते हंै।
  • स्वभाव 
  • ज्यादा गुस्सा करने, अधिक तनाव में रहने वाले व्यक्ति के हृदय की गति तेज हो जाती है। उनकी सांस फूलने लगती है। जिसकी वज़ह से हृदय पर दबाव पड़ता हैं।

खानपान 

  • तेल मसालें, पिज्जा, बर्गर, वैफर्स, फास्ट फूड का अधिक सेवन करने से रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे धमनियां सकरी होने लगती है। हृदय को रक्त पहुंचाने का अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है। 
  • जरूरत से ज्यादा खाना भी हृदय को नुकसान पहुंचाता है।     अधिक नमक का सेवन भी हृदय को नुकसान पहुंचाता है। अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, एन्जाइम, अमीनों एसिड व अन्य तत्वों का संतुलित मात्रा में शामिल करें। जिससे मेटाबोलिज्म ठीक रहता है।

मोटापा 

  • मोटापा एक परेशानदायक समस्या है। मोटापा की वज़ह से शरीर में अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती है। शरीर पर अतिरिक्त चर्बी चढ़ जाने पर शिरायों और धमनियों के अवरूद्ध होने की संभावना बढ़ जाती है। 

एक्सरसाइज न करना 

  • नियमित एक्सरसाइज से शरीर को कई प्रकार से लाभ मिलता है। इससे मोटापा नहीं बढ़ता है। शरीर की मांस पेशियां मजबूत होती है। वही हृदय फिट रहता है। 
  • एरोबिक एक्सरसाइज हृदय और फेफड़ों को मजबूत करता है। एक्सरसाइज के लिए किसी हेल्थ क्लब ज्वाइन करना हो ऐसा जरूरी नहीं है। आप घर पर ही एरोबिक, जागिंग, वाकिंग, स्वमिंग, साइकिलिंग आदि कर सकते हैं।

धूम्रपान 

  • प्रति वर्ष धूम्रपान की वजह से हृदय की बीमारी से लाखों लोग अकाल मौत के शिकार होते हैं। नियमित धूम्रपान से हृदय में सूजन (पेरीकार्डिटिक) की शिकायत हो जाती है। 
  • सिगरेट के धुएं में पाया जाने वाला कार्बन मोनोक्साइड तथा निकोटिन हृदय को प्रभावित करते हैं। कार्बनमोनोक्साइड रक्त में हिमोग्लोबिन से मिल कर रक्त में आॅक्सीजन की क्षमता को कम कर देते है।

शराब 

  • शराब पीने से हृदय पर कुप्रभाव पड़ता है। शराब रक्त की धमनियों को शिथिल कर देती है। हृदय का आकार बढ़ जाता है। रक्तचाप बढ़ा देता है। जिससे दिल के दौरे की संभावना बढ़ जाती है।

नशीले पदार्थो का सेवन 

  • किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ हृदय पर कुप्रभाव डालते हैं। नशीले पदार्थ के सेवन से रक्त को शुद्ध आॅक्सीजन नहीं मिल पाता हैं। जिसकी वजह से हृदय को अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है और वह थक जाता है। 
  • इसलिए किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थो का सेवन न करें। जब आपका हृदय जीवन पर्यंत आपकी सेवा में लगा रहता है तो क्यों न आप भी अपने हृदय की हमेशा सही देखभाल करें। जिससे हृदय के बीमारी होने की नौबत ही न आये।


हृदय रोग के कारण


  • धूम्रपान
  • शराब का अत्यधिक सेवन
  • डायबिटीज
  • बढ़ती उम्र (65 के बाद)
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • अनुवांशिकता
  • तनाव  
  • मोटापा
  • उच्च कोलेस्ट्रोल लेबल   एक्सरसाइज की कमी


अन्य कारण


  • शाॅक लगना।
  • अति संवेदनशील।
  • अति भावुक।
  • दिल का टूटना।

हृदय रोग के रिस्क फैक्टर्स

जिनको दूर नहीं किया जा सकता है। 


  • पारिवारिक इतिहास  आनुवंशिकता
  • उम्र 
  • लिंग


जिनको दूर किया जा सकता है। 


  • धूम्रपान
  • ब्लड प्रेशर
  • डायबिटीज 
  • बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रेराॅल
  • मेहनत का अभाव 
  • मोटापा 
  • तनाव
  • शराब
  • गर्भनिरोधक दवा
  • व्यक्तित्व


कोलेस्ट्रोल लेबल 

  • रक्त में कोलेस्ट्रोल लेबल को बढ़ने न दें। अपने कोलेस्ट्रोल लेबन को 130 एमजी/डीएल तक बनाएं रखें। कोलेस्ट्रोल लेबल बढ़ने से हृदय वेग की संभावना बढ़ जाती है। यदि शरीर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल का निर्माण हो रहा है तो कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवा का सेवन करना जरूरी है।

जीरो आॅयल

  • अधिक तेल मसालें वाली चीजों के सेवन से शरीर मंे कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढ़ी देता है। कोशिश करें कि कम तेल खाएं। अपने खाने के मीनू में कुछ ऐसा खाना भी शामिल करें। जिसमें जीरो आॅयल हो। 
  • जीरो आॅयल खाना शरीर के लिए काफी अच्छा होता है। अधिक आॅयल युक्त खाना रक्त में लिप्रो प्रोटीन ‘ए’ की मात्रा को बढ़ाता है। यह रक्त को गाढ़ा बनाता है। जिससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।

ब्लड प्रेशर

  • ब्लड प्रेशर का बढ़ना खतरनाक संकेत है। ब्लड प्रेशर को 120/80 एमएमएचजी के आसपास होना चाहिए। यदि यह दबाव 130/90 के ऊपर जा रहा है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। 
  • इसे कन्ट्रोल करने के उपाय करने चाहिए। इसके लिए उचित आहार, सही दिनचर्या को अपनाएं। शराब, नशीली चीज़ंे, तेल मसालंे युक्त आहार को त्याग करें। भरपूर नींद लें और तनाव न पालें।

वजन पर कन्ट्रोल

  • वजन का बढ़ना हृदय के लिए खतरनाक होता है। अपने वजन को सामान्य रखें। आपका बाॅडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से नीचे रहना चाहिए। 
  • इसकी गणना आप अपने वजन (किलोग्राम) को कद (मीटर) के स्केवयर के साथ घटाकर कर सकते हंै।
  • लिपिड प्रोफाइल बनाएं
  • आपके शरीर में फैट के विभिन्न तत्वों का स्तर क्या है। इसकी जांच 6-12 माह में की जानी चाहिए। इसके लिए लिपिड प्रोफाइल कहलाने वाला टेस्ट जरूर करवाएं।

ब्लड शुगर

  • ब्लड शुगर नियंत्रित रखें। यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं तो इसके लिए आपका अधिक सचेत रहने की जरूरत है। 
  • आपका फास्टिंग ब्लड शुगर 100 एमजी/डीएल से नीचे होना चाहिए। खाने के दो घंटे बाद उसे 140 एमजी/डीएल के नीचे होना चाहिए।

एंटी आॅक्सीडेंट्स

  • पिज्जा, बर्गर, चाऊमिन, हाॅट डाॅग, केक, चाकलेट, फास्ट फूड आदि के अधिक सेवन से बचें। इन सब चीजों के सेवन से हृदय पर गलत प्रभाव पड़ता है। अपने भोजन में अधिक फाइबर युक्त आहार शामिल करें। अमेरिकन जर्नल आॅफ क्लिनिकल न्युट्रीशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक फाइबर हृदय रोग से संबंधित जोखिम कारकों को कम करने में मदद करता है। 
  • रिपोर्ट के अनुसार यदि आप अपने आहार में 25 ग्राम फाइबर शामिल करते है तो हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रराॅय, ओवर वेट होने की संभावना कम होती है। 
  •  रेशे युक्त आहार में एंटी आॅक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है जो कोलेस्ट्रोल व वजन को नियंत्रित करते हैं। 
  • अपने आहार में सलाद, ताजे फल, हरी सब्जियां, सूखे मेवे आदि अधिक मात्रा में शामिल करें। एंटी आॅक्सीडेंट्स एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में सहायक होते हैं।


बचाव के उपाय



  • धूम्रपान और शराब आप त्याग दें।
  • संतुलित भोलन करें।
  • डायबिटीज है तो तुरंत नियंत्रण करें।
  • वसा अधिक होने पर वजन कम करें।
  • नियमित व्यायाम करें। 
  • फास्ट फूड न लें। 
  • आवेश पर नियंत्रण रखें।
  • तनाव न पालें।
  • ध्यान व योगा।
  • कोलेस्ट्रोल लेबल सही रखें।




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