हेल्थ टिप्स
हृदय की देखभाल
हृदय रोग : कारण, लक्षण, देखभाल, उपचार और खानपान
"1001हेल्थ टिप्स"
- लेखक -
डा. एम. कुमार
जीवनभर अविराम कार्य करने वाला हृदय कभी नहीं थकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, हमारी जीवनशैली, खानपान, बूरी आदतें, एक्सरसाइज न करना, तनाव, मोटापा, धूम्रपान, शराब पीना आदि कारणों से हृदय की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती है। शरीर में रक्त प्रवाह को बनाये रखने के लिए हृदय को अधिक श्रम करना पड़ता है और हृदय थक जाता है।हृदय का थकना
हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ जाने की वजह से हृदय की मांसपेशियों का आकार बढ़ जाता हैं। बढ़ी हुई मांसपेशियों में संकुचन की प्रक्रिया अनियमित हो जाती है। शरीर को ठीक तरह से आॅक्सीजन नहीं मिल पाता है। हृदय के थकने पर वह ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है। धीरे-धीरे अपनी कार्य क्षमता खोने लगता है। विशेषज्ञ कहते हैं, कई बार हृदय बूरी तरह से थक कर एकदम रूक जाता है और मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।
विशेष ध्यान रखें
चिकित्सा विज्ञान ने काफी प्रगति की है। वर्तमान समय में हृदय रोग के लिए पहले से बेहतर और प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं। हृदय को बदलाना भी आसान हो गया है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें, हृदय रोग गस्त हो जाए तो उसे कितना ही इलाज कर लें पर पहले जैसा उसे मजबूत करना मुश्किल होता है।
बीमार हृदय को ठीक करने के लिये लंबे समय तक दवाओं का सेवन करना पड़ता है। बीमारी बढ़ जाने पर आॅपरेशन की आवश्यकता तक पड़ सकती है। आॅपरेशन का खर्च भी काफी होता है। यह जरूरी नहीं है कि आॅपरेशन के बाद आपको इसका मन वांछित परिणाम ही मिलें। इसलिए हृदय के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
हृदय की कार्य प्रणाली
हृदय एक बंद मुठ्ठी के आकार का शरीर में स्थित एक असाधारण अवयव है। यह जन्म से लेकर मृत्यु तक लगातार काम करते रहता है। हृदय शरीर का सबसे महत्वपूर्ण काम करता है। यह सारे शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों को रक्त द्वारा आॅक्सीजन और पोषण की आपूर्ति करता है।हृदय दो पम्प द्वारा जुड़ा हुआ होता है। दायां पम्प, जिसे दायां हृदय कहते है। इस भाग में अशुद्ध रक्त होता है। दुसरा बायां पम्प यानी बायां हृदय कहते है। यह भाग शुद्ध रक्त लेकर शरीर के अंगों तक पहुंचाता है।
पम्प करने से हृदय के कोस्ट सिकुड़ते (संकुचन) या फैलते (प्रसरण) है। संकुचन और प्रसरण के बीच के समय में हृदय पल भर के लिए आराम कर लेता है। संकुचन और प्रसरण से लुप-डब, लुप-डब की ध्वनि सुनायी पड़ती है। इसे दिल की धड़कन कहते है।
हृदय के थकने के लक्षण
थोड़े श्रम के बाद सांस फूलने लगना, सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होना, जल्दी थकान का अनुभव करना आदि हृदय के थकने के मुख्य लक्षण है। इसके अलावा पेट के दाहिने हिस्से में पसली के नीचे दर्द होना, गर्दन की नसों में दबाव बढ़ना, हृदय की धड़कन में मर-मर की ध्वनि सुनायी देना, फेफड़ों में कफ जमा होना आदि लक्षणों के सहारे हृदय के थकने का अनुमान लगा सकते है।हृदय के थकने के कारण
- जीवनशैली
- स्वभाव
- खानपान
- मोटापा
- एक्सरसाइज न करना
- धूम्रपान
- शराब
- नशीले पदार्थो का सेवन
हृदय रोग के कारण
- धूम्रपान
- शराब का अत्यधिक सेवन
- डायबिटीज
- बढ़ती उम्र (65 के बाद)
- हाई ब्लड प्रेशर
- अनुवांशिकता
- तनाव
- मोटापा
- उच्च कोलेस्ट्रोल लेबल
- एक्सरसाइज की कमी
अन्य कारण
- शाॅक लगना।
- अति संवेदनशील।
- अति भावुक।
- दिल का टूटना।
हृदय रोग के रिस्क फैक्टर्स
जिनको दूर नहीं किया जा सकता है
- पारिवारिक इतिहास आनुवंशिकता
- उम्र
- लिंग
जिनको दूर किया जा सकता है
- धूम्रपान
- ब्लड प्रेशर
- डायबिटीज
- बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रेराॅल
- मेहनत का अभाव
- मोटापा
- तनाव
- शराब
- गर्भनिरोधक दवा
- व्यक्तित्व
तो बचें रहेगें
- धूम्रपान और शराब आप त्याग दें।
- संतुलित भोलन करंे।
- डायबिटीज है तो तुरंत नियंत्रण करें।
- वसा अधिक होने पर वजन कम करें।
- नियमित व्यायाम करें।
- फास्ट फूड न लें।
- आवेश पर नियंत्रण रखें।
- तनाव न पालें।
- ध्यान व योगा।
- कोलेस्ट्रोल लेबल सही रखें।
- कोलेस्ट्रोल लेबल
- जीरो आॅयल
- ब्लड प्रेशर
- वजन पर कन्ट्रोल
- लिपिड प्रोफाइल बनाएं
- ब्लड शुगर
- एंटी आॅक्सीडेंट्स
- टहलना लाभदायक
खाना खाने के बाद नियमित रूप से टहलना और सुबह की सैर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रोल (एचडीएल) को बढ़ने में मदद करता है। टहलते वक्त आपकी रफ्तार इतनी होनी चाहिए की आप हाॅफे नहीं।
- एक्सरसाइज
15 मिनट का हल्के व्यायाम करना शरीर व हृदय के लिए भी लाभदायक होता है। जो तनाव, रक्तचाप को कंट्रोल करते हंै। हृदय को सक्रिय रखने में मदद करते हंै। इसके अलावा योगा, कसरत, नाचना, तेज दौड़ना, दंड-बैठक लगान, एरोबिक करना भी हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
- मीठी चीज़ों से परहेज करें
खानपान में मीठी चीज़ें और मीठे पदार्थो का सेवन कम करना चाहिए या उनसे पयरहेज रखें तो और अच्छी बात है। मीठी चीज़ों के अधिक सेवन करने से अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर गिर जाता है एंव ट्राइग्लिसाइड्रस के स्तर को बढ़ा देती है। कनाडा में किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि जो लोग मीठी चीज़े व मीठे पेय पदार्थो का जमकर इस्तेमाल करते थे, उनका एचडीएल औसत कम और ट्राइग्लिसराइड्रस बढ़ा हुआ था। वनिस्पत उनके जो इन चीज़ों का इस्तेमाल कम करते थे।
- व्हाइट किलर
चीनी, नमक और मैदा इन तीनों को मेडिकल साइंस में व्हाइट किलर बताया गया है। इन तीनों चीजों का जितना कम सेवन किया जाए उतना ही अच्छा रहता है। नमक का दैनिक सेवन 2400 मिलीग्राम से ऊपर जाने न दें। यानी रोजाना एक चाय चम्मच से अधिक नमक का सेवन नहीं करना होना चाहिए।
- धूम्रपान से सावधान
धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान न करने वालों से 30 प्रतिशत अधिक हृदयघात (स्ट्रोक) का खतरा रहता है। एक्टिव स्मोकिंग (धूम्रपान करने वाले) और पैसिव स्मोकिंग (धूम्रपान करने वाले को आसपास रहने वाले) दोनों के लिए धुंआ नुकसानदायक होता है। धुंए में मौजूद निकोटिन, टार्टर, टैनिन, आर्सेनिक जैसे कई प्रकार के खतरनाक किस्म के तत्व पाए जाते हैं जो धमनियों को सिकुड़ा देती है। जिससे दि के दौरे की संभावना बढ़ जाती है।
- फास्ट फूड से बचें
नूडल्स, बर्गर, हाॅट डाॅग, आइस्क्रीम जैसे अधिक कैलोरी वाले चीज़ों का सेवन कम करें। इनमें पौष्टिक चीज़ों का भी अभाव होता है। इसकी वजह ताजे फल अंकुरित खाद्यान्न आदि का सेवन कर सकते हैं।
- खाने का तेल
ऐसे तेल का चुनाव करें जिसमें वसा की मात्रा कम है। जैतून, अरण्डी, राइस ब्राॅस, सोयाबीन, सूर्यमुखी का तेल हृदय के लिए फायदेमंद होता है।
- सूखे मेवे
सूखे मेवे हृदय के लिए टाॅनिक होते हैजो मजबूत व स्वस्थ बनाएं रखते है। अखरोट, बादाम का नियमित सेवन कर सकते हैं। इनमें स्वस्थ्य वर्धक ओमेगा-3, फैटी एसिड के साथ प्रोटीन व फाइबर की मात्रा होती है। इसमंे गुड कोलेस्ट्रोल, एचडीएल का स्तर बढ़ता है।हृदय रोगियों के आहार में पोषक तत्वों की आवश्यकता
(कैलोरी के आधार पर)
- कार्बोज - 60 प्रतिशत कुल कैलोरी का।
- प्रोटीन - 15 प्रतिशत कुल कैलोरी का।
- वसा - 25 प्रतिशत कुल कैलोरी का।
- सेचुरेटेड फैट - 8 प्रतिशत कुल वसा का। (2-3 चाय चम्मच)
- अन सैचुरेटेड - 8 प्रतिशत कुल वसा का। (2-3 चाय चम्मच)
- मोनो अनसैचुरेटेर - 10 प्रतिशत कुल वसा का। (3-4 चाय चम्मच)
हृदय रोगी क्या खाएं क्या न खाएं
क्या खाएं क्या न खाएं
- बिना चर्बी का मांस - दूध
- मछली - दही
- स्निकन लैट पोल्ट्री - घी
- साबुत अनाज - क्रीम, फैट, तेल
- ताजे फल, हरी सब्जियां - अंडे का पीला भाग
- सोयाबीन का दूध - मीठा, लीवर
- सूखे मेवे - सेचुरेटिड फैट
कुछ सूत्रदायक याद रखें
- दूसरों से उम्मीद न रखें।
- झूठ न बोलें।
- अत्यधिक ऊंचे टार्गेट न बनाकर चलें।
- सीढ़ी दर सीढ़ी सफलता हासिल करने की कोशिश करें।