
सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस ( systemic lupus erythematosus ) (एसएलई या ल्यूपस) दुर्लभ रोग है। पुरूषाें की तुलना में महिलाओं में इसका खतरा 11 गुना अधिक होता है। ऑटोइम्यून डिजीज होने से इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है।
लक्षण ( systemic lupus erythematosus symptoms )
गाल पर तितली के आकार जैसा लाल निशान। जोड़ों में दर्द व सूजन, बुखार, सिरदर्द, गहरी सांस लेने पर सीने में दर्द, सूर्य के प्रति संवेदनशीलता, खून की कमी, मुंह में घाव, ग्रंथियों में सूजन व शरीर के अन्य हिस्सों में भी लाल चकत्ते हो जाते हैं। कई बार तेज सर्दी से अंगुलियों का रंग नीला-सफेद पड़ जाता है।
कारण ( systemic lupus erythematosus cause )
फैमिली हिस्ट्री, हार्मोन्स और वातावरणीय बदलाव इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। एसएलई जोड़, त्वचा, दिमाग, किडनी, रक्तवाहिकाओं सहित शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है।
जांच ( systemic lupus erythematosus diagnose )
रोग की पहचान करना मुश्किल होता है। लेकिन इन दिनों एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी टैस्ट नया टैस्ट है जो ऑटोएंटीबॉडीज बदलावों को बताने में मददगार है। इसके अलावा ब्लड टैस्ट और अन्य अंग प्रभावित होने की स्थिति में अन्य अंग से जुड़ी जांच करते हैं। साथ ही मरीज की फैमिली हिस्ट्री जानते हैं।
इलाज ( systemic lupus erythematosus Treatment )
ल्यूपस का कोई उपचार नहीं लेकिन इसके लक्षणों में कमी लाना संभव है। एंटीइंफ्लेमेट्री व एंटीमलेरियल दवाओं सेे जोड़ संबंधी समस्या में आराम दिलाते हैं। निशान पर स्टेरॉएड दवा लगाने के लिए देते हैं।
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