संगीत शारीरिक और मानसिक रोगों का उपचार करने में सक्षम है। यह शरीर के समस्त तंत्रों पर अपना प्रभाव डालता है। मानसिक व तंत्र रोगों पर तो यह विशेष रूप से अधिक प्रभावी सिद्ध हुआ है।
संगीत चिकित्सा किसी भी अन्य चिकित्सा पद्धति के साथ प्रयोग करने पर यह अपने मानसिक प्रभाव के कारण रोगी के स्वस्थ होने की दर को बढ़ा देती है। संगीत चिकित्सा की यह एक विशेषता है कि यह शरीर के सारे अंगों और समस्त शारीरिक कार्यप्रणाली पर उत्तेजना व शिथिलन दोनों तरह से प्रभाव डालती है। संगीत का यह प्रभाव रोग एवं संगीत की प्रकृति पर निर्भर करता है। आइये जानते हैं कि कौन सा राग किस रोग के इलाज के लिए उपयोगी होता है।
उपयोगी राग -
राग : ललित, केदार। मानसिक रोगों में उपयोगी।
राग : यमन, कल्याण, नट भैरव, हिन्डौल, जोनपुरी। हड्डियों के लिए फायदेमंद।
राग : भैरवी, केदार, श्री शुद्ध कल्याण। अस्थमा में उपयोगी।
राग : हिण्डौल, पूरिया, कौशिक कानडा, तोडी, पूर्वी, मुल्तानी। लो व हाई ब्लड प्रेशर में लाभकारी।
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