
आयुर्वेद के अनुसार आलू ठंडा और पचने में भारी होता है। इसे खाने से कम समय में ज्यादा ऊर्जा मिलती है। स्पेन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि जो लोग रोजाना आलू खाते हैं, उनमें रोगों से लडऩे की क्षमता में वृद्धि होती है।
आलू में विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज और फॉस्फोरस जैसे तत्त्व होते हैं।
100 ग्राम आलू में 1.6 प्रतिशत प्रोटीन, 22.6 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 0.1 प्रतिशत वसा, 0.4 प्रतिशत खनिज और 97 प्रतिशत कैलोरी होती है।
जलने पर कच्चा आलू कद्दूकस करके लगाने से जलन में आराम मिलता है।
कच्चे आलू का रस रोजाना पीने से एसिडिटी में लाभ होता है।
आलू के रस में नीबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे दूर होते हैं।
ब्रेस्ट फीड कराने वाली मांओं को आलू रोजाना खाना चाहिए। इसके टुकड़ों को गर्दन और कोहनियों पर रगडऩे से कालापन दूर होता है व त्वचा मुलायम होती है।
आलू को हमेशा छिलके समेत पकाना चाहिए क्योंकि इसका सबसे अधिक पौष्टिक भाग छिलके के एकदम नीचे होता है, जो प्रोटीन और खनिज से भरपूर होता है।
अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आलू को तलने या भूनने की बजाय उबालकर खाएं। इसके स्लाइस आंखों पर रखने से आंखों को आराम मिलता है।
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