शुक्राणुओं की गुणवत्ता में तेजी से सुधार ( Lactolycopene )
शाेध में दावा किया गया है कि टमाटर में पाया जाने वाला लैक्टो लाइकोपीन नाम का एक डाइटरी कंपाउड शुक्राणुओं की गुणवत्ता में तेजी से सुधार लाता है। शाेध में जिन लाेगाें काे टमाटर का सप्लिमेंट दिया गया उनके शुक्राणुओं के आकार व एक्टिवीटी में 40 प्रतिशत बढ़ाेत्तरी पाई गई।
चाैंकाने वाले परीणाम
ऐलन पेसी, एंड्रोलॉजी प्रजनन के प्रोफेसर और यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के डिपार्टमेंट ऑफ ऑन्कोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म के प्रमुख ऐलन पेसी ने कहा कि हमें वास्तव में यह उम्मीद नहीं थी कि टेबलेट या प्लेसबो लेने वालाें पुरुषों के शुक्राणु में कोई अंतर होगा।लेकिन जब हमने परिणामाें काे डिकोड किया ताे यह चाैंकाने वाला था।
Boost Sperm Count By Vegetable
इस नई खोज से प्रजनन क्षमता की समस्या का सामना कर रहे पुरूषाें में एक उम्मीद जगी है कि कुक्ड टमाटर में पाएं जाने वाले लैक्टो लाइकोपीन युक्त एक साधारण आहार से शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय में मानव पोषण में एक प्रमुख विशेषज्ञ लिज विलियम्स द्वारा डिजाइन किए गए 12-सप्ताह के इस परीक्षण में 19-30 आयु वर्ग के 60 लोग ने भाग लयस्वस्थ स्वयंसेवक शामिल थे।
शुक्राणुओं की आकृति व गति में बढ़ाेत्तरी संभवपरीक्षण के दाैरान आधे लाेगाें ने 12 सप्ताह तक हर दिन लैक्टो लाइकोपीन की खुराक ली और दूसरे आधे लाेगाें ने समान रूप से प्लेसबो की खुराक ली। परीक्षण की शुरुआत और अंत में शुक्राणु और रक्त के नमूने एकत्र किए गए थे। शाेम में टीम ने पाया कि स्वस्थ आकार के शुक्राणु के अनुपात में वृद्धि करना और 'फास्ट स्वीमिंग' शुक्राणु को लगभग 40 प्रतिशत तक बढ़ाना संभव है।लाइकोपीन कुछ फलों और सब्जियों में पाया जा सकता है, लेकिन टमाटर इसका मुख्य स्रोत है।
लाइकोपीन एक पिंगमेंट है जो टमाटर को अपना लाल रंग देता है, लेकिन डाइटरी लाइकोपीन मानव शरीर में मुश्किल से अवशोषित होता है, इसलिए परीक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला लैक्टो लाइकोपीन नाम का यौगिक, एक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध फार्मूला था। जाेकि जैव उपलब्धता में सुधार के लिए FutureYou कैम्ब्रिज द्वारा डिजाइन किया गया।
पेसी ने कहा कि आकृति विज्ञान में, शुक्राणु के आकार और आकार में सुधार हाेना,नाटकीय था। वीर्य की गुणवत्ता पर लैक्टो लाइकोपीन के प्रभाव का यह पहला ठीक से डिजाइन और नियंत्रित अध्ययन था, और इसने हमें इस अणु के साथ और अधिक काम करने के लिए प्रेरित किया है।
समस्याग्रस्त पुरूषाें पर हाेगा परीक्षण
शोधकर्ताओं ने कहा कि हमारा अगला कदम प्रजनन समस्याओं ये जूझ रहे पुरुषों पर इस याैगिक का परीक्षण करने का है। जिसमें देखा जाएगा कि क्या लैक्टो लाइकोपीन उन पुरुषों के लिए शुक्राणु की गुणवत्ता बढ़ा सकता है और क्या यह जोड़ों को गर्भ धारण करने में मदद करता है।