सही तरीके से सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से आपका दिल और फेफड़े स्वस्थ व सुरक्षित रहते हैं। सीढ़ियां चढ़ने व उतरने से ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन शरीर में पहुंचती है और दिल की धड़कन भी सही चलती है। ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचने से बॉडी में ब्लड का सर्कुलेशन अच्छी तरह होता है और आप फिट महसूस करते हैं। जॉगिंग, साइक्लिंग, स्वीमिंग और टेनिस की तरह सीढ़ियां चढ़ना भी एक बेहतरीन वर्कआउट है।
हार्ट बीट रखता है नॉर्मल -
यह एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसके नतीजे एक हफ्ते में ही दिखने लग जाते हैं।
एड्रेनलिन हार्मोन को एक्टिव करने में यह वर्कआउट खास भूमिका निभाता है। यह हार्मोन हृदय की मांसपेशियों का ब्लड सर्कुलेशन बनाए रखने और हार्ट बीट को नॉर्मल रखने के लिए जरूरी होता है।
ऊपर चढ़ने के दौरान जब बॉडी का 70-85 डिग्री का एंगल बनता है तो यह पॉश्चर लोअर बॉडी के लिए और 135 डिग्री का एंगल अपर बॉडी के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
एक घंटे में इससे 700 कैलोरी तक बर्न की जा सकती है। इससे बॉडी शेप में आती है और मसल्स की टोनिंग होती है।
कम होती है चर्बी -
सीढ़ियां चढ़ना एक कुदरती व्यायाम है। इससे आपकी थाई तो शेप में रहती ही है, साथ ही मांसपेशियों में भी लचीलापन आता है। इससे कमर के निचले हिस्से में जमा चर्बी कम होती है और आपका वजन घटता है। सीढ़ियां चढ़ना एकदम फ्री एक्सरसाइज है जिसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है। इससे आपका तनाव दूर होता है क्योंकि इस एक्सरसाइज के बाद नहाने से भूख भी लगती है और नींद भी अच्छी आती है।
क्या आप जानते हैं -
हर दिन सीढ़ियां चढ़ना-उतरना बीमारियों से लडऩे की शक्ति को 40 फीसदी तक बढ़ा सकता है।
रोजाना केवल एक मंजिल सीढ़ियां चढ़ते-उतरते हैं तो वह आधे किलोमीटर ट्रेडमिल पर चलने के बराबर हो जाता है।
सीढ़ियों के उपयोग से शरीर में तुरंत एनर्जी आ जाती है जो जिम में 5 से 7 मिनट व्यायाम करने के बाद आ पाती है।
आप ना करें -
जिन लोगों को अस्थमा, हृदय रोग और घुटनों की समस्या हो, वे इस वर्कआउट को ना करें।
ध्यान रखें : लंबे समय तक इस तरह का वर्कआउट डॉक्टरी सलाह से ही करें। सीढ़ियां चढ़ने या उतरने पर अगर आपकी सांस फूलने लगे, सीने में दर्द, घुटने में तकलीफ या अन्य कोई परेशानी महसूस हो तो इसकी बजाय समतल स्थान जैसे पार्क, बगीचे आदि में ही टहल लें।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2EU44Oo