
व्यायाम ना करने, पैदल चलने की बजाय गाड़ी चलाने, एयरकंडीशन व कूलर की हवा के संपर्क में ज्यादा रहने से कम उम्र में ही महिलाओं में ऑस्टियो आर्थराइटिस की समस्या बढ़ गई है। गलत खानपान, एक्टिविटी लेवल कम होना, मोटापा और थायरॉइड भी इसका कारण हैं।
लक्षण : घुटने में दर्द, अकड़न, सूजन और घुटनों में पानी भर जाना ऑस्टियो आर्थराइटिस के लक्षण होते हैं।
इलाज : इस बीमारी में नोजोड ऑस्टियो अर्थराइटिस दवा रोजाना तीन बार 30 की पोटेंसी में लेनी होती है। जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए रसटॉक्स दिन में 2 बार 30 की पोटेंसी और ब्रायोनिया दिन में दो बार 30 की पोटेंसी में दी जाती है।
(नोट: दवाएं खुद ट्राई ना करें)
इलाज : इस बीमारी में नोजोड ऑस्टियो अर्थराइटिस दवा रोजाना तीन बार 30 की पोटेंसी में लेनी होती है। जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए रसटॉक्स दिन में 2 बार 30 की पोटेंसी और ब्रायोनिया दिन में दो बार 30 की पोटेंसी में दी जाती है।
(नोट: दवाएं खुद ट्राई ना करें)
पैर और घुटनों के व्यायाम करने से दर्द में राहत मिलती है।
ज्यादा से ज्यादा बींस, हरी सब्जियां और अंकुरित अनाज खाएं। हल्दी वाला दूध, केला, आंवला और पपीता दर्द में राहत देता है लेकिन दही, छाछ ना लें। ऐसे में चलना-फिरना ना छोड़ें लेकिन दौड़ने या ज्यादा तेज चलने से बचें।
ज्यादा से ज्यादा बींस, हरी सब्जियां और अंकुरित अनाज खाएं। हल्दी वाला दूध, केला, आंवला और पपीता दर्द में राहत देता है लेकिन दही, छाछ ना लें। ऐसे में चलना-फिरना ना छोड़ें लेकिन दौड़ने या ज्यादा तेज चलने से बचें।
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