
देखने में आता है कि महिलाएं हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को थोड़ी देर का दर्द कहकर टाल देती हैं। लेकिन इन समस्याओं पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये गंभीर हो सकती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस, रीढ़ की हड्डी में टीबी और ट्यूमर जैसी समस्याओं के कारण रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर भी हो सकता है। इस तरह की बीमारियों के कारण लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और उनमें फ्रैक्चर की समस्या आने लगती है। इस स्थिति में रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है।लेकिन आज मेडिकल क्षेत्र की नई तकनीकों द्वारा फ्रैक्चर की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसमें बेहतरीन विकल्प बैलून कायफोप्लास्टी है।
पीठ दर्द में आराम
बैलून कायफोप्लास्टी में आर्थोपेडिक बैलून की मदद से टूटी हड्डी को उठाकर सही स्थिति में रखते हैं। फ्रैक्चर हड्डी को ठीक रखने के लिये बोन सीमेंट लगाया जाता है। पांरपरिक सर्जरी के मुकाबले बैलून कायफोप्लास्टी में रीढ़ की हड्डी के मुलायम टिश्यू और मांसपेशियों को ज्यादा नुकसान नहीं होता और वे जल्दी रिकवर हो जाती हैं। इस ट्रीटमेंट से 90 फीसदी रोगियों को 24 घंटे में दर्द से आराम मिल जाता है। इस प्रक्रिया में सबसे पहले एक्स-रे की मदद से रोगी के फ्रैक्चर की सही स्थिति का पता लगाया जाता है। बैलून कायफोप्लास्टी लोकल एनेस्थीसिया में की जाती है।
जीवनशैली में बदलाव
बैलून कायफोप्लास्टी एक घंटे की प्रक्रिया होती है। इसके बाद रोगी को एक दिन की देखभाल के लिए रखा जाता है, लेकिन मेडिकल जरूरत के हिसाब से इसे बदला भी जा सकता है।
क्या है कायफोप्लास्टी
कायफोप्लास्टी तकनीक में जब रीढ़ की हड्डी दबी हुई होती है तो उसे ठीक करने के लिए होलो निडिल की मदद
से बोन सीमेंट डाला जाता है, इसके सेट होने पर हड्डी मजबूत हो जाती है और मरीज चलने-फिरने लगता है। इस तकनीक के द्वारा इलाज का खर्च 15 से 20 हजार रुपए आता है।
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