स्ट्रोक के 10 प्रतिशत मरीज ही पूरी तरह ठीक हो पाते हैं। 25 प्रतिशत मरीजों में मामूली कमजोरी रहती है व 40 प्रतिशत रोगी अत्यधिक कमजोरी महसूस करते हैं।
क्यों होता है ब्रेन स्ट्रोक
मस्तिष्क में रक्त प्रवाह कम होने या रुकने पर ब्रेन स्ट्रोक की समस्या होती है जिससे रक्त शिराओं में थक्के जमना, ब्लॉकेज या रिसाव हो सकता है। जब प्रवाह रुकने से मस्तिष्क में स्थायी क्षति होती है तो इसे ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं।
ऐसे पहचानें मिनी स्ट्रोक
कभी-कभी स्ट्रोक के लक्षण कुछ मिनटों से कुछ घंटों तक ही रहते हैं। इस स्थिति को ट्रांजिएट इस्कीमिक अटैक या मिनी स्ट्रोक कहते हैं। यह भविष्य में स्ट्रोक की चेतावनी है इसलिए इसे गंभीरता से लें।
प्रमुख लक्षण
शरीर के एक तरफ चेहरे, बाजू या टांग में कमजोरी व सुन्नता। बात न कर पाना या आवाज लड़खड़ाना। एक या दोनों आंखों से देखने में दिक्कत। संतुलन बनाने में समस्या या चक्कर व उल्टी आना। तेज सिरदर्द होना या भ्रम की स्थिति।
ये मरीज दें ज्यादा ध्यान
हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, तनाव, हृदयरोग, अत्यधिक वसायुक्त भोजन व धूम्रपान और शराब के सेवन से स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है।
सावधानी बरतें
नियमित व्यायाम करें और ब्लड प्रेशर व शुगर नियंत्रित रखें। संतुलित भोजन लें व मोटापे को नियंत्रित रखें। शराब व धूम्रपान से बचें। स्ट्रोक एक आपात स्थिति है, लक्षण दिखाई देेने के साढ़े चार घंटे के भीतर उपचार शुरू होने पर इसका इलाज संभव है।
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