Harad Benefits In Hindi: आयुर्वेद चिकित्सा में हरीतकी अमृत के समान असरदार औषधि है। बोलचाल की भाषा में इसे हरड़ या हर्रे कहते हैं। इसके अलावा इसे विजया, कायस्था, अमृता, प्राणदा नाम से भी जानते हैं। पेट से जुड़ी हुर्इ बीमारियाें काे दूर करने इसका सेवन फायदेमंद हाेता है। आइए जानते हैं इसके बारे में :-
पोषक तत्त्व ( Myrobalan Nutrition Facts )
विभिन्न आयुर्वेदिक तत्त्वों के कारण भावप्रकाश के अनुसार हरड़ सात तरह की और छोटी व बड़ी के रूप में होती है। इसका फल, जड़ व छाल उपयोगी हैं। मिनरल (सेलेनियम, पोटेशियम, मैंग्नीज, आयरन और कॉपर), विटामिन, प्रोटीन, एंटीबैक्टीरियल, एंटीबायोटिक गुण इस औषधि में होते हैं। इसका बीजरहित फल खाया जा सकता है।
फायदे ( Harad Benefits )
गला बैठने, पुराने बुखार, सिर, आंखों, पेट, त्वचा, हृदय रोग, खून की कमी, पीलिया, शरीर में सूजन, मधुमेह, उल्टी, पेट में कीड़े होना, आंतों में संक्रमण, दमा, खांसी, मुंह से लार टपकना, बवासीर, प्लीहा बढऩा, पेट में अफारा, एसिडिटी, भोजन में अरुचि आदि के अलावा हरड़ का प्रयोग वात-कफ से जुड़े रोगों में भी लाभदायक है।
इस्तेमाल ( How To Use Harad )
हरड़ चूर्ण को गोमूत्र के साथ रोज पीकर व उसके पचने के बाद दूध पीने से खून की कमी दूर होती है। सौंठ, कालीमिर्च, पिप्पली, गुड़ व तिल तेल संग हरड़ एक माह तक लेने से त्वचा रोग में लाभ होता है। भोजन से पहले दो ग्राम हरड़ चूर्ण पुराने गुड़ संग लें। बवासीर दूर होगी।
ध्यान रखें ( Harad Side Effects )
तासीर गर्म होने के कारण इसे गर्मी के मौसम में न खाएं। रक्त संबंधी विकार है तो भी इसका प्रयोग न करें। दुबले-पतले व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं न लें, वर्ना दिक्कत हो सकती है। चूर्ण 3-6 ग्राम व काढ़ा 30 एमएल ले सकते हैं।
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