ज्यादातर मांएं अपने बच्चों को हृष्ट-पुष्ट व गोलमटोल देखना चाहती हैं उनके अनुसार ये उनके सेहतमंद रहने की निशानी है। लेकिन बच्चों का फास्ट फूड से बढ़ता लगाव उन्हें मोटा बना रहा है। कम उम्र में इससे कई रोगों की आशंका भी बढ़ रही है। जानें बच्चों में बढ़ते वजन को कैसे समझें और किन बातों को ध्यान में रखें।
ऐसे जानें बढ़ता वजन -
कई बार बच्चों का मोटा दिखना, तोंद निकलना, अधिक खाना खाने के बाद भी थकान व कमजोरी, बढ़ते वजन के संकेत हैं। ऐसी में खर्रांटे लेना, कब्ज, ब्लड प्रेशर बढ़ने की दिक्कत होती है। खानपान व वर्कआउट पर ध्यान दें। जिन प्रेग्नेंट महिलाओं को डायबिटीज होती है उनके बच्चों के मोटा होने की आशंका रहती है।
काम करने के लिए प्रेरित करें -
बच्चों को टीवी, मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप और गैजेट्स आदि से दूरी बनाने के लिए कहें। घर में अधिकतर बैठे रहने की बजाय छोटे-मोटे काम करने के लिए कहें। जैसे डॉगी को घुमाने ले जाना, मेड या मां से चीजें मंगाने और काम बोलने के बजाय खुद उठकर जाना, पार्क में टहलना और बैडमिंटन, फुटबॉल, क्रिकेट जैसे गेम खेलना। एरोबिक्स, स्कीपिंग, स्वीमिंग, साइक्लिंग, डांस आदि को शेड्यूल में शामिल करें। स्कूल में इंटरवल के आधे घंटे में एक्टिव रहें।
ऐसी हो डाइट -
बच्चों को सीधे फास्ट फूड के लिए मना करेंगी तो ज्यादातर बच्चे इसे नजरअंदाज करेंगे। ऐसे में डाइट में धीरे-धीरे बदलाव करें। जैसे उनकी डाइट में रोज 2 फल व सब्जियां शामिल करें। खाने को कलरफुल बनाएं, ऐसा खाना वे ज्यादा पसंद करते हैं। रंगबिरंगी सब्जियां बनाकर सॉस, जैम से कलर व टेस्ट बढ़ाएं। खाने में वैरायटी लाएं जैसे फू्रट स्मूदी बनाएं। दही और फलों को शामिल करें। पावभाजी में खूब सारी सब्जियां डालें और पाव की जगह ब्राउन ब्रेड दें। गोभी-गाजर भरकर स्टफ्ड परांठा बनाएं। कम तेल से तैयार पालक मेथी के परांठे खिलाएं।
इनका रखें ध्यान -
खाने में चीनी, चावल, मैदा, मेयोनीज़, चीज का प्रयोग कम करें। तला-भुला व फास्ट फूड खुद और बच्चों को भी कम खिलाएं। कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय जूस या नींबू पानी देें। हरी सब्जी, फल-दूध से उनकी दोस्ती कराएं। कुछ मीठे के साथ कड़वी चीजें जैसे करेला और आंवला भी दें। रोज 500-700 मिली. दूध दे सकती हैं। हफ्ते में 1-2 बार उनकी पसंद का खाना भी बना सकती हैं।
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