कायदे से खाने पर पान मुंह की दुर्गंध से बचाता है, दांतों में कीड़े नहीं लगने देता, भूख बढ़ाने के अलावा भोजन पचाता है और मसूड़े मजबूत रखता है।पान के पत्ते का रस कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में भी काम आता है।आइए जानते हैं पान के अन्य फायदाें के बारे में :-
- किसी को सांस लेने में परेशानी हो रही हो तो पान के पत्ते सरसों के तेल में गर्म कर लें और छाती पर रखें। खांसी और सांस की परेशानी में आराम मिलेगा।
- पान के डंठल सरसों तेल में खौला लें, इस तेल को छाती आैर गले पर लगाएं। सांस की तकलीफ और खांसी से राहत मिलेगी।
- साधारण चोट लग गई हो तो पान का रस वहां लगाएं और पान को जख्म के ऊपर बांधकर पट्टी करें। दिन में दो बार ऐसा करने से आराम मिल जाएगा।
- फोड़े होने पर पान के पत्ते को हल्की आंच में सेक लें। उसमें अरंडी का तेल लगाएं और फोड़े के ऊपर बांध लें। दिन में तीन से चार बार ऐसा करें। लाभ होगा।
सिरदर्द
पान को पीसकर दर्द वाले हिस्से में लेप करना चाहिए।
कमरदर्द
पान के पत्ते तेल में गर्म करके उस तेल से मालिश करें, राहत मिलेगी।
नसों में दर्द
पान के पत्तों के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर दो बार पिएं।पेशाब कम आने पर पान के पत्ते के रस को दूध में मिलाकर पीना चाहिए।
पोषक तत्वों की मात्रा
मुंह को खुशबूदार रखने वाले पान के कई औषधीय गुण भी हैं। पान के एक पत्ते में 85.4 फीसदी नमी, 3.1% प्रोटीन, 0.8% वसा, 2.3% खनिज, 2.3% फाइबर और 6.1% कार्बोहाइड्रेट होता है। इसमें कैल्शियम, कैरोटीन, थियामिन, रिबोफ्लेविन, नियासिन और विटामिन-सी भी पाए जाते हैं। पान मुंह की कई बीमारियों से बचा सकता है।
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