हार्ट अटैक को समझें, इससे डरने की जरूरत नहीं है - Health Care Tips Hindi

हार्ट अटैक को समझें, इससे डरने की जरूरत नहीं है

बिगड़ी हुई जीवनशैली खानपान की गलत आदतों, जरूरत से ज्यादा तनाव लेने और व्यायाम ना करने की वजह से हृदय संबंधी रोगों में तेजी से वृद्धि हो रही है। दिल की सेहत के लिए जरूरी है कि आप इससे जुड़े तथ्यों को जानें औैर समय-समय पर चेकअप और डॉक्टरी सलाह से खुद को फिट बनाए रखें।

हृदयाघात क्या है ? -
हृदय, मांसपेशियों से बना अंग है जो शरीर के विभिन्न भागों में ब्लड की पम्पिंग करता है। हृदय की रक्त प्रवाहित करने वाली धमनियों में जब रुकावट आती है तो उस हिस्से में रक्त का संचार ना होने से मांसपेशियां मरने लगती हैं जिससे हृदय की क्रियाविधि प्रभावित होती है इसी को हार्ट अटैक कहते हैं।

हृदयाघात के लक्षण -
सीने में दर्द जो जबड़े से लेकर पेट के निचले हिस्से तक कहीं भी हो सकता है। दम घुटने का अहसास, पसीना आना, चक्कर आना, जी घबराने जैसा लक्षण होते हैं। ध्यान रहे कि दर्द गैस के कारण भी हो सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि दर्द हार्ट अटैक ही है, थोड़ा हिलडुल कर और गहरी सांस लेकर देखना चाहिए कि दर्द कम होता है या नहीं। यदि कम होता है तो यह गैस की वजह से हो सकता है न कि हार्ट अटैक से। लेकिन किसी भी तरह के दर्द को हल्के में ना लें और फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या करें क्या ना करें -
सर्वप्रथम सुनिश्चित करें कि यह हृदयाघात है। तब पानी में डिस्प्रिन घोल कर रोगी को पिलाएं। इसके बाद तुरंत विशेषज्ञ के पास पहुंचाएं क्योंकि हृदयाघात के 1-6 घंटों को बहुत महत्त्वपूर्ण समझा जाता है। यदि शुरुआत के घंटों में समुचित चिकित्सा हो जाती है तो हृदय को होने वाले नुकसान को काफी कम किया जा सकता है। रोगी को सपोर्ट दें, लोगों की सलाह पर कोई दवाई न दें।

किसे है ज्यादा खतरा -
हृदय संबंधी रोगों की आशंका उन लोगों में सबसे ज्यादा होती है जिन्हें डायबिटीज मेलिटस (लंबे समय तक शुगर लेवल बढ़ा रहे) हो, ब्लड प्रेशर व ब्लड कोलेस्ट्रोल अधिक होने, मोटापा, पहले भी अटैक आ चुका हो, जिनके परिवार में यह रोग जन्मजात हो, अधिक उम्र के स्त्री-पुरुषों में, स्त्रियों में मेनोपॉज के बाद, जो अधिक धूम्रपान करते हों और ऐसे लोग जो बिल्कुल भी व्यायाम नहीं करते।

कौन से टेस्ट उपयोगी -
इसके लिए ई.सी.जी., ब्लड टेस्ट, एंजियोग्राफी, टे्रडमिल टेस्ट आदि करवाए जाते हैं।

विधि जो है कारगर -
एंजियोप्लास्टी को काफी कारगर और सरल उपचार माना जाता है। बाइपास सर्जरी का प्रयोग खास परिस्थितियों जिसमें तीनों धमनियों में पूरी तरह से ब्लॉकेज हो और उसका उपचार एंजियोप्लास्टी से संभव नहीं हो तब ही किया जाता है।

कैसे बचें इससे -
तली-भुनी व गर्म चीजों से परहेज रखें, नियमित व्यायाम करें, तनाव से दूर रहें। हरी-पत्तेदार सब्जियां और फल ज्यादा खाएं। मेडिटेशन, लाफ्टर थैरेपी आदि का सहारा भी फायदेमंद है। जिन परिवारों में हृदयरोग हो, वहां बचपन से ही सावधानी बरती जाए। 30 की उम्र के बाद हर साल चेकअप करवाते रहें।



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