Stay Healthy - लाइलाज नहीं है पार्किंसन रोग - Health Care Tips Hindi

Stay Healthy - लाइलाज नहीं है पार्किंसन रोग

पार्किंसन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। दिमाग की जिन कोशिकाओं में डोपेमाइन रसायन पाया जाता है, उनके कम या नष्ट होने से यह रोग होता है। इस समस्या में मरीज की एक्टिविटी काफी कम हो जाती है। यह समस्या 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा होती है लेकिन पिछले कुछ सालों से 50 साल या उससे कम उम्र के लोगों को भी यह रोग होने लगा है।

लक्षण और वजह
लक्षण : हाथों और पैरों में कंपन, चलने-फिरने में तकलीफ या दर्द, मांसपेशियों में अकड़न, शरीर के संतुलन में कमी जिसमें मरीज कई बार गिर जाता है, चेहरे के हाव-भावों में कमी, तनाव, याददाश्त कमजोर होना, लो ब्लड प्रेशर, ज्यादा पसीना आना, पेशाब की गड़बड़ी, निगलने में कठिनाई और वजन का घटना आदि।

वजह : फैमिली हिस्ट्री, उम्र बढऩे पर दिमाग की कोशिकाओं के नष्ट होने, दिमाग में कोई क्लॉट या चोट, युवावस्था में नशीली दवाएं लेना।


डॉक्टर को बताएं विस्तार से
इस रोग में मरीज डॉक्टर को अपनी व्यक्तिगत स्थिति के बारे में स्पष्ट बताएं जैसे लक्षण क्या हैं, वे कब-कब दिखते हैं, रोजाना या हफ्ते में आदि। लक्षणों को जानने के लिए डॉक्टर एमआरआई करवाते हैं जिसके बाद मरीज को डोपामिन एगोनिस्टिक दवाएं, एंटीकोलिनर्जिकस और एंटी वायरल दवाएं दी जाती हैं। युवाओं पर इन दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए उन्हें ये दवाएं नहीं दी जातीं। सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज मुफ्त होता है।

व्यायाम भी है जरूरी
- सीधे खड़े हो जाएं, अब दोनों हाथों को पैरों की ओर झुकाते हुए 10 तक गिनती करें। शुरुआत में ही दोनों हाथों से पैरों को छूने के लिए प्रेशर ना दें। कुछ दिनों के अभ्यास से ऐसा खुद ही होने लगेगा। ऐसा 10 बार कर सकते हैं।

- पीठ के बल लेटकर दोनों घुटनों को मोड़ें। अब कूल्हे और कमर को ऊपर की ओर उठाएं। 2-3 मिनट तक इस स्थिति में रहें। फिर धीरे-धीरे नीचे आएं। ऐसा 5-10 बार करें।

- एक स्टूल पर बैठ जाएं, अपनी गर्दन दायीं ओर इस तरह झुकाएं की आपका दायां कान कंधे को छूए। इसी तरह बायीं ओर भी करें। ऐसा 5 से 10 बार कर सकते हैं।

- सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को शरीर से सटाएं। अब उसी जगह खड़े होकर ५० तक गिनती करते हुए कदमताल करें।

विशेषज्ञ की राय
इस बीमारी में अक्सर लोग लडख़ड़ाकर गिर जाते हैं इसलिए घर के फर्नीचर को ऐसे लगाएं कि वह आते-जाते रास्ते में ना अड़े, बाथरुम में फिसलन ना होने दें, घर की छत या सीढिय़ों पर रेलिंग जरूर लगवाएं। ऊपर दी गई एक्सरसाइज अपने डॉक्टर की सलाह से करें।



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