अक्सर महिलाएं अपनी सेहत को लेकर ठीक है कहकर लापरवाही बरतती हैं। उनका तर्क होता है कि घरेलू इलाज से आराम मिल जाता है तो दवाइयों का बिल क्यों बढ़ाएं। लेकिन सामान्य दिखने वाली ये परेशानियां किसी गंभीर रोग के लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों की समय पर जांच और जल्द इलाज करा लेना चाहिए।
सिरदर्द : हर 2-4 दिन में सिर में भारीपन लगना, दर्द रहना, कभी आधे तो कभी पूरे सिर में दर्द।
आशंका : पाचन तंत्र की गड़बड़ी, आंखों की कमजोरी, माइग्रेन, ट्यूमर या न्यूरोलॉजिकल समस्या।
किसे दिखाएं : फिजिशियन को दिखाएं। अगर बीमारी न्यूरो की होगी तो वे आपको रैफर कर देंगे।
बदनदर्द : शरीर टूटना, थकान।
आशंका : आयरन, कैल्शियम, विटामिन की कमी या किसी रोग के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
किसे दिखाएं :स्त्री रोग विशेषज्ञ या फिजिशियन के पास जाएं।
पेटदर्द : पेट के किसी खास हिस्से में लगातार हल्का दर्द रहना, पेट खराब रहना, माहवारी के दिनों में ज्यादा परेशानी और भूख न लगना।
आशंका : एसिडिटी, अल्सर, गांठ, पथरी, यूरिनरी इंफेक्शन, या किडनी की कोई तकलीफ।
किसे दिखाएं : आप गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
कमरदर्द : थोड़ी देर बैठते ही कमर अकडऩा, उठने-बैठने या करवट लेने में दर्द होना।
आशंका : कमर में लगी कोई पुरानी चोट, नस का दब जाना, स्पोंडेलाइटिस या स्लिपडिस्क का खतरा।
किसे दिखाएं : न्यूरो फिजिशियन या हड्डी रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
यूरिनरी इंफेक्शन : बार-बार पेशाब आना या पेशाब कम होना, ज्यादा पीला पेशाब आना, जननांगों में खुजली या जलन रहना, पेटदर्द।
आशंका: पथरी, किडनी में इंफेक्शन
किसे दिखाएं : यूरोलॉजिस्ट को।
बने स्मार्ट पेशेंट
जब भी डॉक्टर के पास जाएं उन्हें पुरानी मेडिकल रिपोट्र्स दिखाएं। हाल ही में कौनसी दवाइयां खाई हैं, रोग संबंधी फैमिली हिस्ट्री, समस्या कितने दिनों से है, दिन के किस समय ज्यादा व कब कम हो जाती है और किसी दवा से एलर्जी हो तो उसके बारे में भी डॉक्टर को बताएं।
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