कहीं आप अपने ही कारनामों से नींद उड़ाकर सेहत के लिए मुसीबत तो नहीं खड़ी कर रहे? नीचे दिए सवालों के जवाबों से सहमत या असहमत होकर आप भी खुद को परख सकते हैं।
1. मुझे नींद न आने की पुरानी परेशानी है और अब तो मैं इसका आदी हो चुका/चुकी हूं।
अ: सहमत
ब: असहमत
2. मेरे घर-परिवार में किसी को भी जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदत ही नहीं है। ऐसे में मैं अपने लिए अलग से समय कैसे तय कर सकता/सकती हूं।
अ: सहमत
ब: असहमत
3. मुझे देर रात तक टीवी देखना, फोन करना, बातें करना या टहलना अच्छा लगता है।
अ: सहमत
ब: असहमत
4. मेरा काम ही कुछ ऐसा है कि चाहकर भी पूरी नींद लेना बड़ा मुश्किल होता है।
अ: सहमत
ब: असहमत
5. मेरी जिम्मेदारियां और अधूरे कामों का अवसाद मुझे ठीक से सोने नहीं देता।
अ: सहमत
ब: असहमत
6. मैं बहुत सोचता/सोचती हूं और इस वजह से भी देर रात तक नींद नहीं आती।
अ: सहमत
ब: असहमत
7. मेरी नींद बहुत कच्ची है और जरा भी आहट या थोड़ा सा शोरगुल होने पर ही खुल जाती है।
अ: सहमत
ब: असहमत
8. मैं वीकएंड में गहरी नींद लेकर अपनी नींद की कमी पूरी कर लेता/लेती हूं।
अ: सहमत
ब: असहमत
9. मुझे लगता है कि थोड़ा कम सोने से मेरी सेहत को कोई नुकसान नहीं होता।
अ: सहमत
ब: असहमत
स्कोर और एनालिसिस -
आपको सुधार करना होगा : अगर आप सात या उससे ज्यादा सवालों से सहमत हैं तो आपकी नींद सचमुच उड़ गई है। इसके कारण तो दर्जनों हो सकते हैं लेकिन उन सबके लिए आप खुद जिम्मेदार हैं। आप अपने कामों को समय पर समेटने की कोशिश करें। तनाव मुक्त रहेंगे तो आपकी रूठी हुई नींद भी जल्द ही मान जाएगी।
आपकी नींद है सेहत की साथी : यदि आप सात या उससे ज्यादा सवालों से असहमत हैं तो अच्छी बात यह है कि आपकी नींद आपके काबू में है और आपकी सेहत को अच्छा बनाए रखने में मददगार है। आप रात की अच्छी नींद के मूल्य को जानते हैं इसीलिए आपका दिन का अनुशासन भी उतना की बढिय़ा है। आदतों, व्यवहार और सेहत के लिए कुछ अच्छा करते रहने की कोशिश को इसी तरह जारी रखिए।
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