कुछ चीजें हम चाहकर भी हासिल नहीं कर पाते। इसके पीछे लापरवाही या आलस होता है। नीचे दिए सवालों के जवाब से सहमत या असहमत होकर खुद को परख लें।
1. इतनी उलझन है कि समझ ही नहीं पाता/पाती हूं कि लापरवाही कहां हो गई।
अ: सहमत
ब: असहमत
2. मेरे लिए किसी काम में लापरवाही करने या हो जाने में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है।
अ: सहमत
ब: असहमत
3. मैं अपनी तरफ से पूरा दम लगा देता/देती हूं लेकिन सब कुछ अपने हाथ में नहीं होता।
अ: सहमत
ब: असहमत
4. मैं सेहत के मामले में अपनी मान्यताओं पर भरोसा करता/करती हूं, उसे लापरवाही कहना ठीक नहीं।
अ: सहमत
ब: असहमत
5. जिम्मेदारियों के बीच सेहत के लिए समय बहुत कम बचता है, मैं इसे लापरवाही नहीं मानता/मानती।
अ: सहमत
ब: असहमत
6. मुझे पता है कि मेरी सेहत के लिए क्या सही है लेकिन कुछ करने का मन नहीं होता।
अ: सहमत
ब: असहमत
7. मैं छोटी कोशिशें करता/करती हूं लेकिन सफलता न मिलने पर निराशा होती है।
अ: सहमत
ब: असहमत
8. मेरी ओर से सुधार की पूरी कोशिश होती है लेकिन आखिर में आकर भटक जाता/जाती हूं।
अ: सहमत
ब: असहमत
9. मुझे लगता है सेहत को ठीक रखने के लिए मुझे और पढऩे व सीखने की जरूरत है।
अ: सहमत
ब: असहमत
स्कोर और एनालिसिस -
आपकी लापरवाही 'जोखिमभरी है' : आप 7 या उससे ज्यादा सवालों से सहमत हैं तो समझ आता है कि लापरवाही के कारण आपकी सेहत की समस्याएं उभर रही हैं। आपको आज और अभी से जागना होगा। लापरवाही का मुकाबला आत्म नियंत्रण और समय का सही प्रबंधन करके कीजिए। सेहत में समय, सजगता और संतुलन से निवेश कीजिए क्योंकि सेहत साथ होगी तो सब साथ होंगे।
आप लापरवाही से सबक लेते है : यदि आप 7 या उससे ज्यादा सवालों से असहमत हैं तो लगता है कि आप लापरवाहियों को कभी हल्के ढंग से नहीं लेते। आप योजना बनाकर अनुशासित कदम उठाने में सक्षम हैं इसीलिए लापरवाहियों से बचते हैं। अपनी सजगता को और बढ़ाइए, साथ ही दूसरों के साथ बांटिए भी।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2EXfUau