छिलके और धुली हुई दोनों प्रकार की दालों में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमें चुस्त-दुरुस्त रखने में मददगार होते हैं।सेहत बनाने के मामले में भी दालें किसी से कम नहीं। दालों में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल होते हैं।
अंकुरित के फायदे
दालों के अलावा इनसे बनाए गए स्प्राउट्स (अंकुरित दालें) भी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। स्प्राउट्स में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी1, विटामिन बी6 और विटामिन के पाया जाता है। इसमें आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैगनीशियम, फास्फोरस, मैगनीज भी प्रचुर मात्रा में होता है। ताजा स्प्राउट्स पके हुए स्प्राउट्स से ज्यादा बेहतर होते हैं क्योंकि स्प्राउट्स को पकाने पर उसके कुछ एंजाइम नष्ट हो जाते हैं। स्प्राउट्स खाने के बाद ये आसानी से पच जाते हैं क्योंकि इसमें काफी मात्रा में एंजाइम पाए जाते हैं। जिन लोगों के पाचन तंत्र में समस्या हो उनके लिए स्प्राउट्स बेहतरीन विकल्प होते हैं।
दाल को बनाने से पहले उसे 5-6 घंटे के लिए भिगो देना चाहिए क्योंकि इससे उसके पोषक तत्वों में वृद्धि हो जाती है। दाल बनाते समय उसी पानी का प्रयोग करें जिसमें आपने दाल को भिगोया था। इससे उसका स्वाद बढ़ जाता है।
अरहर :
यह दाल कफ और खून के विकार को दूर करती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, विटामिन ए व बी होते हैं।
उड़द:
इसमें फास्फोरिक एसिड ज्यादा मात्रा में होता है। यह दाल कब्जनाशक और बल वर्धक होती है। हड्डी में दर्द होने पर इसे पीसकर लेप लगाने से फायदा होता है।
मूंग :
इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व रेशे पाए होते हैं। यह कफ व पित्त के मरीजों के लिए फायदेमंद है। यह आसानी से पच भी जाती है।
एक कटोरी दाल :
शाकाहारी लाेगाें के लिए प्रोटीन के सिर्फ दो स्रोत हैं दूध व दालें। इसलिए रोजाना कम से कम एक कटोरी दाल जरूर खानी चाहिए।
दिन में खाएं :
दालों का समूह गैस्ट्रिक होता है इसलिए रात के समय इन्हें खाने से इनके पोषक तत्व ठीक से एब्जोर्ब नहीं हो पाते। अगर आप शाम को छह से सात बजे तक खाना खा लेते हैं तो डिनर में दाल ले सकते हैं वर्ना दाल दिन के समय ही खाएं।
कॉम्बिनेशन :
दाल में एक प्रकार का अमिनो एसिड नहीं होता इसलिए सिर्फ दाल ना खाकर दाल-चावल या खिचड़ी के रूप में खाएं। कॉम्बिनेशन में लेने से यह कम्प्लीट प्रोटीन हो जाता है।
ध्यान रहे :
किडनी के मरीजों को डॉक्टरी सलाह से ही दाल खानी चाहिए। जिन्हें डायबिटीज या मोटापे की समस्या हो उन्हें छिल्के वाली दालें ज्यादा खानी चाहिए क्योंकि इनमें फाइबर ज्यादा होता है।
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