
विश्व में ओवेरियन कैंसर पीड़ित महिलाआें की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है आैर समय पर इलाज ना हाेने की वजह से कर्इ महिलाआें के लिए जान का खतरा भी बढ़ गया है। दरअसल कैंसर का पता देरी से चलता है, इसलिए जरूरी है कि इस कैंसर की शुरुआती अवस्था का पता लगाया जाए। बच्चेदानी के साथ दो अंडाशय होते हैं जो अंडाणु व हार्मोन बनाते हैं। इन अंडाशयों में होने वाले कैंसर को ओवेरियन कैंसर कहते हैं।
कारण: जिन महिलाओं के परिवार में ब्रेस्ट या ओवेरियन कैंसर का इतिहास हो, जो महिला बांझपन का इलाज करा रही हों उनमें इसका खतरा ज्यादा रहता है।
लक्षण: लंबे समय तक पेट में भारीपन,अपच, गैस या खिंचाव महसूस होना।
बरतें सावधानी
डाइट: वसायुक्त खाने और जंक फूड से दूर रहें। हरी सब्जियां खाएं और वजन न बढऩे दें।
रसौली हो तो : जिन महिलाओं की रसौली पांच सेमी से ज्यादा बढ़ जाए या उसमें बदलाव हो तो स्त्री कैंसर रोग विशेषज्ञ से चेक कराकर पता करें कि कैंसर का खतरा तो नहीं।
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