health tips : इस विश्लेषण के बाद आप हरी सब्ज़ियां खाने से पहले हज़ार बार सोचेंगे - Health Care Tips Hindi

health tips : इस विश्लेषण के बाद आप हरी सब्ज़ियां खाने से पहले हज़ार बार सोचेंगे

 health tips : इस विश्लेषण के बाद आप हरी सब्ज़ियां खाने से पहले हज़ार बार सोचेंगे



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अब हम एक बहुत बड़ा खुलासा करेंगे. ये कोई राजनीतिक ख़बर नहीं है. ये खुलासा आपकी सेहत से जुड़ा हुआ है. और इसे देखकर आप हरी सब्ज़ियां खाने से पहले हज़ार बार सोचेंगे. और आपकी इन सब्ज़ियों को खरीदने की हिम्मत नहीं होगी. अगर आप दिल्ली और आसपास के शहरों में रहते हैं और य़मुना के किनारे पर उगाई जाने वाली सब्ज़ियां खा रहे हैं, तो आप सीधे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को गले लगा रहे हैं.

आपको याद होगा कि पिछले महीने DNA में हमने दिल्ली में यमुना के किनारे हो रहे अतिक्रमण पर एक रिपोर्ट की थी. हमने आपको ये भी बताया था कि कैसे यमुना एक गंदे नाले में बदल गई है, जिसका पानी सिर्फ तीन फीट की गहराई पर ही काला हो गया है. क्योंकि यमुना के अंदर नालों और फैक्ट्रियों की गंदगी, और खतरनाक कैमिकल बह रहे हैं. बारिश के बाद जब यमुना में बाढ़ आती है तो यही गंदगी यमुना नदी के दोनों किनारों पर जम जाती हैं. और फिर इसी गंदगी में खेती होती है.

इस गंदी और प्रदूषित मिट्टी में तरह की सब्ज़ियां उगाई जाती हैं. और लोग उन्हें ताज़ी सब्ज़ियां समझकर खरीद लेते हैं. लेकिन जिस पानी को आप पी नहीं सकते, उसमें उगी हुई सब्ज़ियां आप कैसे खा सकते हैं? ये बात शायद सबको पता होगी कि यमुना किनारे उगाई जाने वाली सब्ज़ियां खाने लायक नहीं हैं. लेकिन इसका प्रमाण यानी सबूत आज हम आपको दिखाएंगे. क्योंकि हमने इन सब्ज़ियों का और इस मिट्टी का एक वैज्ञानिक परीक्षण करवाया है. जिसमें बहुत चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. हमने सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक Lab में घिया, तोरी, भिंडी और मिर्ची का परीक्षण करवाया.

इस परीक्षण में पता चला है कि इन सब्ज़ियों में Lead, Cadmium, Mercury और Arsenic जैसे खतरनाक Heavy Metals हैं. लेकिन इन Heavy Metals की मात्रा कैसे तय होगी? यानी ये कैसे पता चलेगा कि सब्ज़ियों में कितना Lead, Cadmium, Mercury या Arsenic होना चाहिए. इसके लिए हमने F.S.S.A.I. यानी Food Safety and Standards Authority of India के मानकों की जांच की. इस संस्था ने खाने पीने के सामान में Heavy Metals की मौजूदगी के मानक तय किए हुए हैं.

इस संस्था के मुताबिक सब्ज़ियों में Lead की मात्रा 0.1, PPM यानी Parts per Million होनी चाहिए. यानी एकदम ना के बराबर. लेकिन हमने जिन सब्ज़ियों का Test करवाया, उनमें Lead की मात्रा 19.34 PPM से लेकर 28.06 PPM तक निकली.

यानी सामान्य तौर पर सब्ज़ियों में जितना Lead होना चाहिए, उसके मुकाबले यमुना के किनारे उगाई गई सब्ज़ियों में Lead की मात्रा 280 गुना ज़्यादा है. इसी तरह सब्ज़ियों में Cadmium की मात्रा 0.1 से 0.2, PPM होनी चाहिए, लेकिन यमुना किनारे उगने वाली सब्ज़ियों में Cadmium की मात्रा 2.30, PPM से लेकर 3.42, PPM है. यानी 34 गुना ज़्यादा. इन सब्ज़ियों में Arsenic की मात्रा भी बहुत ज्यादा थी. लेकिन Guidelines में सब्ज़ियों में Arsenic की मात्रा का मानक नहीं था.

जब हमने इसकी जांच की तो पता चला कि FSSAI ने कभी सोचा ही नहीं था कि सब्ज़ियों में Arsenic भी मिल सकता है. इसलिए उन्होंने अपने मानकों में Arsenic को शामिल नहीं किया था. हमारी जांच रिपोर्ट में सब्ज़ियों में 209 PPM से लेकर 318 PPM तक Arsenic की मात्रा पाई गई है. इसी तरह से सब्ज़ियों में 1.0 PPM से ज्यादा Mercury नहीं होना चाहिए, लेकिन इन सब्ज़ियों में 105 से लेकर 139 PPM तक Mercury पाया गया. इस वक्त मेरे हाथ में वो Reports हैं, जिनका ज़िक्र हमने अभी किया. मैं इन Reports को आपको पढ़कर सुनाना चाहता हूं.

अब सवाल ये है कि इन Heavy Metals से क्या बीमारियां हो सकती हैं? डॉक्टरों के मुताबिक Lead, Cadmium और Arsenic जैसे तत्वों से लोगों को अलग तरह के कैंसर हो सकते हैं. लोगों की किडनी खराब हो सकती है. Bone Marrow Suppression हो सकता है. इस बीमारी में शरीर को Immunity यानी रोगों से लड़ने की क्षमता देने वाले Cells बनने कम हो जाते हैं. और इनकी संख्या कम होते ही आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.इसके अलावा बच्चों में जन्म के साथ ही विकृतियां हो सकती हैं.

इस पूरी ग्राउंड रिपोर्ट को तैयार करने के लिए हमने एक महीने की कड़ी मेहनत की है. हमारी इस रिपोर्ट को देखने के बाद आप इस सोच में पड़ जाएंगे, कि आपको सब्ज़ी खानी चाहिए या नहीं? और आप विषैली सब्ज़ियों को पहचानेंगे कैसे ?ये कहानी सिर्फ दिल्ली और आसपास के शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश के हर शहर का यही हाल है. क्योंकि देश की कोई भी नदी अब प्रदूषण से मुक्त नहीं है.

वैसे तो हर ख़बर में हमारी कोशिश ये होती है कि हम आपको समस्या के साथ उसका हल भी बताएं, लेकिन यकीन मानिए आज की इस रिपोर्ट को देखने के बाद हम भी निरुत्तर हैं. हमें भी ये समझ में नहीं आ रहा है कि इन ज़हरीली सब्ज़ियों से बचने का तरीका क्या है? क्योंकि इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि ऐसी ज़हरीली सब्ज़ियां सिर्फ दिल्ली या उसके आसपास के इलाकों में ही उग रही हों, हो सकता है कि ऐसी सब्ज़ियां और भी बहुत से इलाकों में उग रही हों.

आपमें से बहुत से लोग ये भी कह रहे होंगे कि वो आज से सब्ज़ियां खाना ही छोड़ देंगे, लेकिन क्या ये इस समस्या का हल है? वैसे अपनी रिपोर्ट के दौरान हमने जिन डॉक्टरों से बात की, उनका भी ये कहना था कि वो अब अपने मरीज़ों को हरी सब्ज़ियां खाने के लिए कैसे कहेंगे?

इस समस्या का हल नदियों को साफ रखने में ही छिपा हुआ है. क्योंकि हमारे देश में नदियों को एक गंदा नाला बनाकर छोड़ दिया गया है. इन नदियों में तमाम गंदगियों के अलावा फैक्ट्रियों से निकलने वाले ज़हरीले Chemicals, बिना किसी Treatment के छोड़ दिए जाते हैं. ये बहुत शर्म की बात है कि आज़ादी के 71 वर्षों के बाद भी हमने ऐसा सिस्टम तैयार नहीं किया है, जिससे नदियों को स्वच्छ बनाया जा सके. जिससे भारत के लोगों को स्वच्छ जल और शुद्ध भोजन का अधिकार मिल सके.

हमारे देश में मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुसलमान और भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर चुनाव होते हैं, लेकिन नदियों को साफ रखना किसी भी पार्टी या सरकार की प्राथमिकता में शामिल नहीं होता. क्योंकि इसमें नेताओं को वोटबैंक नज़र नहीं आता. हमारे देश के संस्कारों में नदियों को पूजनीय माना गया है. नदियों के किनारे पूजा की जाती है. खुद को पवित्र करने के लिए और अपने पाप धोने के लिए नदियों में स्नान भी किया जाता है लेकिन सच्चाई ये है कि हमारी नदियां, हमारे अपने कर्मों की वजह से ही मर रही हैं.

फिलहाल इस मामले में कम से कम यमुना किनारे की इस ज़हरीली मिट्टी में सब्ज़ियां उगाने पर रोक तो लगाई ही जा सकती है. जो किसान यहां सब्ज़ियां उगा रहे हैं, उन्हें रोका जा सकता है. क्योंकि वो अवैध रूप से यमुना किनारे की ज़मीन पर कब्ज़ा करके बैठे हुए हैं और ज़हरीली सब्ज़ियां उगाकर लोगों को मौत बांट रहे हैं. ये भी एक तरह का अतिक्रमण है, एक तरह का अवैध कब्ज़ा है.ये सारे लोग आपको मौत बांट रहे हैं और आप पैसा देकर मौत खरीद रहे हैं.

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